नाथ साजन सो मिले, जिनकी मति सुमति।

मति विहूंणा मति मिलै, ले चालै औगति॥

स्रोत
  • पोथी : मध्यकालीन कवयित्रीयों की काव्य-साधना ,
  • सिरजक : सोढ़ी नाथी ,
  • संपादक : डॉ.(श्रीमती) उषा कँवर राठौड़ ,
  • प्रकाशक : महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध-केंद्र, जोधपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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