जीव खोटा खोटा किरतब करें, जब पुदगल लागें तांम।
ते उदें आयां दुख उपजें, ते आप कमाया कांम॥
जब जीव बुरे-बुरे कार्य करता है तब ये (पाप कर्म रूपी) पुद्गल आकर्षित हो आत्म-प्रदेशों से लग जाते हैं। उदय में आने पर इन कर्मों से दुःख उत्पन्न होता है। इस तरह जीव के दुःख स्वयंकृत हैं।