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साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
गुन आयो तब जानिये
परशुराम
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गुन
आयो
तब
जानिये,
अवगुन
नाम
विलाय।
अरथ
भलो
सो
परसरां,
जो
अनरथ
बहि
जाय॥
स्रोत
पोथी
: राजस्थानी भाषा और साहित्य
,
सिरजक
: परशुराम
,
संपादक
: मोतीलाल मेनारिया
,
प्रकाशक
: राजस्थानी ग्रन्थागार, जोधपुर
,
संस्करण
: 6th
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