सोगंध लीध सिकारियां नह लाहोरी आय।

थांरो सेको अेक बस लूआं प्राण सुकाय॥

भावार्थ:- ग्रीष्म ऋतु में शिखारियों नें शिकार की सौगंध ले ली है। गर्मी के कारण शिकारी कुत्तों का भी डर रहा। अब तो केवल तुम्हारे ताप ही के कारण प्राण सूखे जा रहे हैं।

स्रोत
  • पोथी : लू ,
  • सिरजक : चंद्र सिंह बिरकाळी ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी ग्रंथागार, जोधपुर (राज.) ,
  • संस्करण : चतुर्थ
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