मां मरती रै हांचळां लाग रह्या बाखोट।

लूआं मती उघाड़ज्यो आतां जातां ओट॥

भावार्थ:- मृतावस्था में पड़ी हुई मृगियों (हरिणियों) के स्तनों से लगे हुए मृगशावकों की आड़ को तुम आते जाते मत हटाना।

स्रोत
  • पोथी : लू ,
  • सिरजक : चंद्र सिंह बिरकाळी ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी ग्रंथागार, जोधपुर (राज.) ,
  • संस्करण : चतुर्थ
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