छावण लागी वादळी, हिवड़ै उमड़्यो नेह

तरसण लागी तीजणी, फड़कण लागी देह॥

स्रोत
  • पोथी : बादली ,
  • सिरजक : चंद्र सिंह ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी ग्रंथागार ,
  • संस्करण : 7