बाळपणै बैसाख में तातो इसड़ो ताव।

पूरै जोबन जेठ में लूआं किसो उपाव॥

भावार्थ:- बैसाख के महीने में शैशव काल ही जब लूओं का इतना प्रचंड ताप है तब भला ज्येष्ठ मास में, इनके पूर्ण यौवनावस्था को प्राप्त होने पर, इनसे बचने का कौन-सा उपाय होगा!

स्रोत
  • पोथी : लू ,
  • सिरजक : चंद्र सिंह बिरकाळी ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी ग्रंथागार, जोधपुर (राज.) ,
  • संस्करण : चतुर्थ
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