माथे रखड़ी मोहणी, उजळ चंद उणियार।

लहरा लेवे लहरियो, नूर गजब तव नार॥

ओढ सुनहरी ओढ़णीं, सखियां नं ले संग।

मेंदी साजन मोहणीं, राची थांरे रंग॥

बाजू नथली बोरलो, लूमां जबर लडी़ह।

पहन पौशाकां फूटरी, नाचे नखराळिह॥

झुमका कानां झूलता, सांचा हिये सुहाय।

मानों हरिया बाग में, पवन पुसप लहराय॥

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : कुलदीप सिंह इण्डाली ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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