नमो अडोल अबोल, तोल अणमाप अजायौ।

भांजण घड़न दयाल, जगत सब आप उपायौ।

निरालंब निरवाण, खाण च्यारूं में नांही।

जड़ चेतन भरपूर, नूर सबहन के मांही।

च्यार चक चवदै भवन, सुक्ष्म थूल सब मांय है।

सेवगराम की वंदना, साख संत सब गाय है॥

स्रोत
  • पोथी : श्री सेवगराम जी महाराज की अनुभव वाणी ,
  • सिरजक : संत सेवगराम जी महाराज ,
  • संपादक : भगवद्दास शास्त्री, अभयराज परमहंस ,
  • प्रकाशक : फतहराम गुरु मूलाराम, अहमदाबाद ,
  • संस्करण : प्रथम
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