राजि लज्ज राहवी, लंक सीता सतवंती।
राजि लज्ज राहवी, चीर पूरै द्रौपत्ति।
राजि लज्ज राहवी, परणि सीता प्रतिपालै।
राजि लज्ज राहवी, वेद ब्रहमा रा वाळै।
भंजियै जनम दाजै मुगति, क्रपानाथ डूंगर कहै।
अनाथ नाथ असरण सरण, राजि हूंत लज्जा रहै॥