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साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
रज तम गुन दोऊं अधिकांही
साहबराम राहड़
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रज
तम
गुन
दोऊं
अधिकांही।
इहै
रीत
नृप
द्वापर
मांही।
कलजुग
हींशा
दुख
मलीनां।
सोक
मोह
भय
जुत
सब
दीनां॥
स्रोत
पोथी
: जम्भसार ,भाग - 1-2
,
सिरजक
: साहबराम राहड़
,
संपादक
: स्वामी कृष्णानंद आचार्य
,
प्रकाशक
: स्वामी आत्मप्रकाश 'जिज्ञासु', श्री जगद्गुरु जंभेश्वर संस्कृत विद्यालय,मुकाम , तहसील - नोखा ,जिला - बीकानेर
,
संस्करण
: द्वितीय
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दुख