राजस्थान में प्रत्येक वर्ग का वृद्ध, युवा, बालक, स्त्री और पुरुष उत्सव-त्यौहार में उत्साह के साथ भाग लेते हैं। इनके माध्यम से सामाजिक समरसता बढ़ती है और सांस्कृतिक परंपराएं एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक हस्तांतरित होती हैं। राजस्थान प्राकृतिक विषमतावों से भरा प्रांत है और यहां के लोगों ने प्रतिकूल जीवन परिस्थितियों के उपरांत भी अपने जीवन को उत्सव-त्यौहारों के माध्यम से रसमय बनाए रखा है। देश की सांस्कृतिक परंपरा से जुड़े सभी त्यौहार एवं उत्सव पूरे राजस्थान में मनाए जाते हैं। इसके अलावा कुछेक तीज-त्यौहार ऐसे हैं जो राज्य की लोक संस्कृति के प्रतीक हैं। इन लोकोत्सवों का मुख्य उद्देश्य जनता में स्फूर्ति का संचार करना है। राजस्थान में मुख्यतया हिन्दू धर्म मानने वालों की संख्या अधिक है और यहां के तीज-त्यौहार भी इसी धर्म के अधिक हैं। राज्य की दूसरी सबसे बड़ी आबादी मुस्लिम मतावलंबियों की है और इस धर्म से जुड़े त्यौहार भी यहां मनाए जाते हैं। जैन और सिन्धी समुदाय से जुड़े त्यौहार भी यहां बड़े चाव के साथ लोग मनाते हैं।
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