राम नाम की लूट फबी है जीव कूं।
निसवासर वाजिंद सुमरता पीव कूं।
यही बात प्रसिद्ध कहत सब गांव रे।
हरि हां, अधम अजामेल तिर्यो नारायण नांव रे॥