कहियो जाय सलाम हमारी रांम कूं।
नैण रहे झड़ लाय तुम्हारे नाम कूं॥
कमल गया कुमलाय कल्यां भी जावसी॥
हरि हां वाजिंद, इस बाड़ी में बहुरि न भंवरा आयसी॥