छेड़छाड़ पर कवितावां

छेड़छाड़ शब्द का प्रयोग

छेड़खानी और प्रेम या सहज संबंधों में मनोविनोद—दोनों ही अर्थों में किया जाता है। लोक-समाज में छेड़छाड़ की समृद्ध परंपरा रही है जो त्योहारों, पारिवारिक आयोजनों आदि में लोकगीतों के रूप में अभिव्यक्त होती है।

कविता1

हुसियार चिड़कली

सुनीता बिश्नोलिया