ऊंधो तूजो
आधी रात री टैम, सावण री झड़ी, टिम-टिम छांटां पड़ै। सगळै गांव में समक सोपो। गांव बाळा गै’री नींद में खूंखाड़ करै। गांव ऊं थोड़ी क अळगी एक ढाणी। जकै में मोटा-छोटा मिळा’र सगळा पांच जणां। पाणी री बूंदा ढबै नई, तर तर घणो जोर पकड़ै। दूंधा वरणो आभौ हूयोड़ो।