नमक पर कवितावां

विविध प्रसंगों में लवण,

लावण्य और अश्रु के आशय को व्यक्त करती कविताओं से एक चयन।

कविता2

लूंण री जात

चन्द्र प्रकाश देवल

खेलकणां थोड़ी ई छै

हरिचरण अहरवाल 'निर्दोष'