रामस्नेही सम्प्रदाय पर पद

पद17

साधो एक अचम्भा दीठा

संत दरियाव जी

चौरासी में दुख घणौ

संत मूलदास जी

सुख संपत मन जाय सरीरा

संत सेवगराम जी महाराज

ऐसे पलकन छांड्यौ

स्वामी देवादास जी

साधो ऐसी खेती करिये

संत दरियाव जी