चाँद पर गीत

चाँद मनुष्य का आदिम

सहयात्री है जो रात्रि-स्याह के सुख-दुःख में उसका संगी-साथी हो जाता है। प्रेमिल बिंबों-प्रतीकों के साथ ही किसी कवि की ही कल्पना ने उसे देवत्व तक सौंप दिया है।

गीत4

सूरज सींया मरग्यो

विश्वामित्र दाधीच

धरती रो सिणगार

मेघराज मुकुल

पीड़ा दीप जगादे

मेघराज मुकुल