पावसी
म्हैं रांड...? हां...हां...! म्हैं रांड...! थारै कैवण वास्तै इज तौ होई हूं... थारौ धणी तौ अमरफळ खायनै आयौ है? थूं तौ अमर सुहागण रैई...थूं कदैई रांड मती हुईजै... अैड़ौ नीं व्है के थनैं भी म्हारै ज्यूं काळौ ओढणौ पड़ै... म्हैं रांड... भूंडी... म्हारा लखण