होंठ पर कवितावां

प्रेम और शृंगार की अभिव्यक्तियों

में कवियों का ध्यान प्रमुखता से होंठों पर भी रहा है। होंठों की सुंदरता और मुद्राएँ कवियों का मन मोह लेती हैं। प्रस्तुत चयन में होंठ को साध्य-साधन रखती कविताओं को शामिल किया गया है।

कविता1

पूतळी

रति सक्सेना