झूंठ पर कवितावां

झूठ मिथ्या या असत्य

वचन है। इसे सत्य का छद्म या भ्रम भी कहा जाता है। यहाँ झूठ शब्द-केंद्र पर परिधि पारती कविताओं का एक चयन प्रस्तुत है।

कविता6

साच रा कपड़ा पैरावै

मधु आचार्य 'आशावादी'

मुगती रो मारग

सतीश सम्यक

चुनाव डायरी सूं

कृष्ण कल्पित

झूठ रौ आतंक

चंद्रशेखर अरोड़ा

झूठ री जड़

गजेसिंह राजपुरोहित

सांसां रा साच

गीतिका पालावात कविया