बजंटी
आज पंडतजी का छोटा बेटा को बी सगपण होग्यौ। ब्याई सौ बीघा नहरी जमीं को धणी। दो बेटा अर दो बेट्यां पाछै या अेक बेटी ओर बची छी। जीं की बात ले’र पंडतजी कै बारणै आंण हाकौ पाड़्यौ।
पंडतजी को बेटौ अब मांग्या सूं मांगीलाल बणग्यौ छौ। सरकारी मदरसा में चपड़ासी