जाम्भाणी साहित्य पर दूहा

दूहा5

सतगुर कहि समझावियो

कान्होजी बारहठ

बरस बोहत वाणारसी

कान्होजी बारहठ

बावन आखर भेद बोह

कान्होजी बारहठ

करता व्रणउ गुण कहूं

कान्होजी बारहठ