घोड़ां सूं संबंधित रचनावां रो संकलन करियोड़ौ है।
अेक ठाकर रै घरै कंवर जलमियौ तौ अेक ढोली ठाकरसा रै घणौ दौळौ व्हियौ। लारौ ई नीं छोडै। कह्यौ— बाप अंदाता, अबकै तौ इण रावळा सूं लांठी बगसीस लेयनै जावूंला। ठाकर ई लारौ छुडावण सारू रीस में अेक अलांम घोड़ी बगसीस कर दीवी। ढोली ठाकर नै घणौ बिड़दायौ अर आपरै घरै