अंजस
  • जूनौ कोस
  • नूवौ कोस
  • लोक परंपरा
  • ई-पुस्तक
  • महोत्सव
अंजस

Quick Links

  • जूनौ कोस
  • नूवौ कोस
  • लोक परंपरा
  • ई-पुस्तक
  • महोत्सव
  • साइट: परिचय
  • संस्थापक: परिचय

अंजस सोशल मीडिया

  • twitter

बधाई पर कहाणियां

  • कहाणी
  • गीत
  • पद
  • कविता

कहाणी1

बदळाव

जिण गांव में चौईस घंटों में अेक इज बस आवती हुवै अर बा ई आगै सूं ई ऊपर-नीचै पूरी भरीज्योड़ी, उण बस में चढणो ई घणै हिम्मत रो काम! पछै सीट मिलणी तो भगवान मिलणै दांई दोरी। दूजी सवार्‌यां री गळांई म्हैं ई कोई घंटां भर सूं बस नै उडीकतो हो। जे आज बस नीं मिली

भीखालाल व्यास

न्यूज़लेटर सारु साइन अप करो

आपनै अपडेट भेजण रै अलावा आपरे ई-मेल नै और कोई काम में कोनी लियो जावैला

सब्सक्राइब करण सारू धन्यवाद आपरो

म्हे आपसूं जल्दी जुड़ाला

Quick Links

  • जूनौ कोस
  • नूवौ कोस
  • लोक परंपरा
  • साइट: परिचय
  • संस्थापक: परिचय

अंजस सोशल मीडिया

  • twitter
Write to Us

Write to Us

cancel

THANK YOU FOR CONNECTING WITH US!

We will get back to you shortly

close
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
  • Copyright

© 2025 Rekhta™ Foundation. All rights reserved.