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विदाई पर कहाणियां

विदाई का अर्थ है—प्रस्थान

या जाने की अनुमति लेना/देना। यहाँ प्रस्तुत है विदा-विदाई के प्रसंग रचती कविताओं से एक चयन।

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कहाणी1

विदाई

गांव में फगत अेक बस आवै। बाकी आवण-जावण रो कोई साधन कोनी। दिनूंगै जे बस चूकग्या तो पछै मौज करो। गई पूरा चौबीस घंटां री। इण कारण अमूमन लोग पाव आधो घंटो बेगा ई संधै अर बस स्टैंड माथै जायनै बैठ जावै। पछै कच्चै रूट सूं आवती बस नै आंख्यां फाड़-फाड़नै मेह रै

नृसिंह राजपुरोहित

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