हिजड़े पर काव्य खंड

भारतीय समाज में हिजड़ों

की स्थिति हमेशा हाशिए की रही है। उनके अपने अंधकार और व्यथाएँ हैं। हिंदी कविता ने इस स्थिति को समय-समय पर दर्ज करने की कोशिश की है। प्रस्तुत चयन ऐसी ही कविताओं का है।

काव्य खंड1

मावड़िया मिजाज

बांकीदास आशिया