गाय पर कवितावां

गाय भारतीय सांस्कृतिक

परंपरा में एक मूल्यवान और पवित्र पशु की हैसियत रखती है और लोक-जीवन का अभिन्न अंग रही है। उसे आम और सरल के प्रतीक रूप में भी देखा जाता है। गाय के नाम पर हत्याओं ने इसे कविता में एक राजनीतिक संदर्भ भी प्रदान किया है।

कविता12

नान्ही कवितावां : आओ सोचां

सुरेन्द्र सुन्दरम

मनक परतेम रेजू रे

कैलाश गिरि गोस्वामी

गुवाळिया

रचना शेखावत

गाय

राणुसिंह राजपुरोहित

राजनीति नी गाय

विजय गिरि गोस्वामी 'काव्यदीप'

जूण रा इग्यारा चितराम

सुरेन्द्र सुन्दरम

चेत गावड़ी

चेतन स्वामी

थारी आफळ

नंद भारद्वाज

संझ्या : तीन चतराम

प्रेमजी ‘प्रेम’

गोधै री गोधम

लक्ष्मीनारायण रंगा

पिछाण

रामदयाल मेहरा

गऊ पाळक देस

नमामीशंकर आचार्य