भय रस पर दूहा

भयानक रस : इसका स्थायी

भाव भय होता है जब किसी भयानक या अनिष्टकारी व्यक्ति या वस्तु को देखने या उससे सम्बंधित है।

दूहा1

स्यामबरन दुति देह की

बुद्धसिंह हाड़ा