राग
बिसांई लेवण खातर मा अर बापू कोई मिंट पांचेक, बां डीघी-सी दो हेल्यां बिच्चै सड़क माथै रूक्या होसी। अेक मोटो-सो खाखी झोळो मा कनै हो अर बापू रै खूंवा ऊपर अेक मोटी-सी संदूक ही। म्हैं लारै-लारै दौड़तो सो बगै हो। मा-बापू बिसांई खाई जणां म्हैं ई ठमग्यो अर बिजळायोड़ी