सैणल नागल गीगल सोनल, खोड़ल वास तटोतट खंडी।

आवड़ सायर इंदर आयल, बेस झटोझट तूं ब्रहमंडी।

मेह सुता अरु मूणिय मोगल, चारण जात घटोघट चंडी।

राजल साथ सुआ अरु रूपल, थान थटोथट थापन थंडी॥

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां रचियोड़ी ,
  • सिरजक : सुआसेवक कुलदीप चारण
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