असकाज धरे कर गाज इंदर देह धरी इल ऊपर जगभान तुँहीं र जहान तुँहीं जांगळ जाय जमी जद जोगण करणी किनियौण सुआ सुभियौण कव मेह घरां किनियौण किशनेस घरां जनमी कुँवरी मुझ बाळक पाळक नंदन नंद लगै मन सगती अवतारण चारण तारण सैणल का दरबार सजाकर सैणल नागल गीगल सोनल सिंह चढी भमती धर सेहर सोरठ देश धरा बिच सोहत