पंड में मोटा पाप, पथ वैहतां बाथां पड़ै।
अळगा रहियै आप, मैला मिनखां मोतिया॥
हे मोतिया! जो अपने अंतःकरण में बहुत पाप रखते है और राह चलते हर किसी से उलझ पड़ते हैं ऐसे छल-कपट भरे कुटिल स्वभाव और मन के मैले मनुष्यों से आप दूर ही रहें।