वेरी मान विखेर, जय नरमाई गुण नीपजै।

हिवड़ै पर गुण हेर, निज ओगुण सुण निंद मा॥

स्रोत
  • पोथी : आराधना (आत्म संबोध) ,
  • सिरजक : जयाचार्य ,
  • संपादक : युवाचार्य महाप्रज्ञ ,
  • प्रकाशक : जैन विश्व भारती लाडनूं
जुड़्योड़ा विसै