रिस्पत रै परभाय, ओछा नर ऊंचा हुया।

खरी जिकोड़ा खाय, भूखा सोवै ‘भोमला’॥

स्रोत
  • पोथी : बानगी ,
  • सिरजक : मोहन आलोक ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन ,
  • संस्करण : प्रथम