खरबां-खरबां खरच, हथियारां री होड़ पर।

रोज हुवै रिसर्च, जग विनास नै ‘जेस जी’॥

स्रोत
  • पोथी : बानगी ,
  • सिरजक : मोहन आलोक ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन ,
  • संस्करण : प्रथम