कहो पिता हौ कौण, मात गरभ कुण मेलियौ।
देखै बैठो द्रोण, सो की अचरज सांवरा॥
भावार्थ:- कहो, द्रौण का पिता तो कौन था और किस माता ने उसे गर्भ में धारण किया था? ऐसा द्रौण यदि इस समय भी बैठा-बैठा देख रहा है तो हे कृष्ण! इसमें आश्चर्य की बात ही क्या है?