मिनिया मंजारीह, अगन प्रजाली ऊबर्या।
वरती मो बारीह, सुणैक बहरो साँवरा॥
भावार्थ:- आग जला देने पर भी बिल्ली के छोटे-छोटे बच्चे बच गये थे। मेरी बारी बीत चली। हे साँवरे! कुछ सुनते ही हो या बिल्कुल बहरे हो?