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साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
गंग न भीनो गात
बुधसिंह सिढ़ायच
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गंग
न
भीनो
गात,
निरमळ
जळ
पावन
नदी।
प्रांणी
सूकरपात,
जे
किण
दिस
उड़
जावसी॥
स्रोत
पोथी
: देविचरित (भाग -2)
,
सिरजक
: बुधसिंह सिंढायच
,
संपादक
: फतेहसिंह
,
प्रकाशक
: निदेशक, राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर
,
संस्करण
: प्रथम