राजस्थानी सबदकोस

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नित रो राजस्थानी अर्थ

  • शब्दभेद : अव्यय

शब्दार्थ

  • सदा, सर्वदा, हमेशा
  • प्रतिदिन, रोज। ज्यूं--थे नित ओ कांई धंधौ छेड़ दौ? सं.पु.--
  • श्रीकृष्ण (अ.मा.)