राजस्थानी सबदकोस

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बूंदी रो राजस्थानी अर्थ

बूंदी

  • शब्दभेद : सं.पु.

शब्दार्थ

  • वह बैल जिसके चूतड़ पर भंवरी होती है। (अशुभ) मतांतर से--वह बैल जिसके पूछ के मूल स्थान के ऊपर भंवरी हो। (अशुभ)
  • कमर का जोड़। (सं.बिंदु)
  • बेसन व घी--शक्कर के योग से बनी एक प्रकार की मिठाई, नुक्ती। वि.वि.--बेसन को पानी या दूध में घोल लिया जाता है तद--नन्तर उसको किसी बड़े छिद्रों वाले झारे में से टपकाकर (गरम) खौलते हुए घी में तल लिया जाता है और शक्कर के रस में भिगो लिया जाता है। इसी के लड्‌डू बनते है