”पढ़ो मण भर, लिखो कण कण भर।”

स्रोत
  • पोथी : लेखक रै हाथां चुणियोड़ा उद्धरण ,
  • सिरजक : विजयदान देथा ,
  • प्रकाशक : लेखक रै हाथां चुणियोड़ा उद्धरण
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