
यति केशव रिसी
उत्तरमध्यकालीन राजस्थानी जैन काव्य परम्परा रा कवि अर धरम-प्रचारक।
उत्तरमध्यकालीन राजस्थानी जैन काव्य परम्परा रा कवि अर धरम-प्रचारक।
उत्तरमध्यकालीन राजस्थानी जैन काव्य परम्परा रा कवि अर धरम-प्रचारक यति केशव रिसी लुंकागच्छीय जैन पंथ रा प्रवर्तक लोकासाह माथै 'लोकासाह रो सिलोको' नांव रौ सिलोको रच्यौ। इणरै साथै ई वां कैई दूजी रचनावां रौ सिरजण ई कर्यो जिणरौ सोध हाल चाल रैयो है। वां रौ रच्योड़ौ ओ सिलोकौ सहज अर सरल भासा रौ अेक दाखळौ है।