राजस्थानी रा चावा कवि।
ओ रोळ राज रो डंडो...
बासंती रूत अर फागणियां
भासा मायड़ बोलो रै!
राजस्थानी गीत
मुंशीजी
औ सांसा झालणा पड़ैला!