तेजस मुंगेरिया जलम: 1995 jodhpur नूवी पीढ़ी रा ऊरमावान कवि-गद्यकार। छंद री ठावी समझ। 'डांडी रौ उथळाव' नांव सूं कविता संग्रै प्रकाशित।
आदमी हां अंतस रा देव चिड़कली डांडी रौ उथळाव इतरावणजोग मां म्हैं अर थै प्रेम राजमहलां सांभळौ तूटणौ अर बिखरणौ यादगिरी