तेजस मुंगेरिया जलम: 1995 jodhpur नूवी पीढ़ी रा ऊरमावान कवि-गद्यकार। छंद री ठावी समझ। 'डांडी रौ उथळाव' नांव सूं कविता संग्रै प्रकाशित।
आदमी हां अंतस रा देव बरसाळौ भरम रा भारा चिड़कली डांडी रौ उथळाव गांव इतरावणजोग जोगमाया लाक्षाधर्मी मां म्हैं अर थै म्हारा बैराग ओ चेतनपंथी प्रेम राजमहलां सांभळौ सपनौ साव नैनी बात सीता माई सुण सेफाळी तूटणौ अर बिखरणौ यादगिरी