स्वामी रुघनाथदास Marwar 'निरंजनी संप्रदाय' सूं संबंधित अठारवीं सदी रा संत कवि। गुरु कीरत अर भगति भाव रा पदां खातर चावा।
ऐसे हरीदास जग न्यारे गोरखनाथ ग्यांन यह दीन्हो ग्यांन ध्यांन पूरण धन पाया परमारथ पर जन उपगारी ता पीछै ऐसी मति धारी