कवि-लेखक।
आपणो गांव
गजबण बीजळी
थानै पढ़णो पड़सी रै
परदेसी
मां मनस्या पूरो म्हारी
रंगीलो राजस्थान
हठीलो राजस्थान
पपइयो बोलै रै
लोग लुगाई
सुरसती-वंदना