शंकरदान सामौर
क्रांति रा कवि रै रूप में चावा। रचनावां में देस भगती रा अर अंग्रेजां रै विरोध रा सुर। 'सगती सुजस', 'वगत वायरो', 'देस दरपण' अर 'साकेत सतक' आद चावी रचनावां।
क्रांति रा कवि रै रूप में चावा। रचनावां में देस भगती रा अर अंग्रेजां रै विरोध रा सुर। 'सगती सुजस', 'वगत वायरो', 'देस दरपण' अर 'साकेत सतक' आद चावी रचनावां।