अवधू अैसा खेल बिचारी अवधू बैठां का गति नाहीं अवधू कउवा तैं सर नासै अवधू सब सुख की निधि पाई अवधू सूतां कौ धन छीजै रै भाइ रे, भेद भरम कै पैलै पासै हरि की कथा सुणि रे क्रमहीणा संतौ आई बात बिगोवै